भारतीय ज्योतिष विश्व का सर्वाधिक प्राचीन एवं महत्त्वपूर्ण ना विज्ञान है। जहां अन्य सभी विज्ञान वर्तमान के परिणामों को ही स्पष्ट कर पाते हैं, वहां ज्योतिष, भूत और वर्तमान को समेटते हुए, भविष्य के गर्भ में भी सफलतापूर्वक झांकता है। फलस्वरूप, जो परिणाम प्राप्त होते हैं, उनसे मानव-जाति सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंच सकती है। ज्योतिष विद्या से यह जाना जा सकता है कि मनुष्य का पूर्वजीवन किस प्रकार का था तथा इस जीवन में जो वह भोग रहा है, उसके पीछे कौन-से संचित कर्म हैं, जिनके कारण उसे इस जन्म में अनुकूल अथवा प्रतिकूल जीवन भोगना पड़ रहा है। इसके साथ ही, वह किस प्रकार के कार्य करे, ताकि उसका भविष्य पूर्णतः अनुकूल एवं सन्तुलित बना रह सके।
ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से व्यक्ति अपने पूर्व और आगामी जीवन में सन्तुलन स्थापित कर सका है। 'ओरिएंट पेपरबैक्स' ने मेरी पुस्तक 'भारतीय ज्योतिष' को नयी सज-धज के साथ प्रकाशित किया है। पुस्तक के प्रारम्भ में दो नये अध्याय दिये गये हैं, जो अत्यन्त सारगर्भित हैं तथा पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। मुझे विश्वास है कि मेरे पाठक इससे लाभान्वित होंगे।
— डॉ नारायणदत्त श्रीमाली
डॉ. नारायणदत्त श्रीमाली
MRP: ₹ 300
ISBN: 9788122200751
Format: Paperback
Language: Hindi
Extent: 216 pp
Subject: Astrology